कोर्ट के आदेश के बाद गैंगस्टर विकास दुबे की 67 करोड़ की संपत्ति कुर्क की गई
कानपुर, सोमवार, 09 मई 2022। पुलिस मुठभेड़ में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे की लगभग 67 करोड़ रुपये कीमत की एक दर्जन से अधिक संपत्तियों को सोमवार को गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क कर दिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दुबे ने ये संपत्तियां कथित तौर पर अवैध तरीके से अर्जित की थीं। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि जो संपत्तियां कुर्क की गई हैं, वे विकास दुबे, उसकी पत्नी ऋचा दुबे और परिवार के अन्य सदस्यों व करीबी रिश्तेदारों के नाम पर दर्ज थीं। ये संपत्तियां कानपुर के अलावा कानपुर देहात और लखनऊ में स्थित थीं। शर्मा ने कहा, “मैंने कानपुर देहात और लखनऊ के जिलाधिकारियों से इन संपत्तियों के लिए उप-जिलाधिकारी या तहसीलदार स्तर वाले रिसीवर नियुक्त करने के लिए एक लिखित अनुरोध किया है।”
गौरतलब है कि कानपुर जिले के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दो-तीन जुलाई 2020 की दरमियानी रात को आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। यह पुलिस टीम बिकरू निवासी कुख्यात माफिया विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके घर दबिश देने गई थी। पुलिस का आरोप है कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों ने एक पुलिस उपाधीक्षक समेत आठ पुलिसकर्मियों पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर उनकी हत्या कर दी थी। घटना के हफ्तेभर के भीतर ही मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया था। अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस जब विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर ले आ रही थी, तब उसने भागने की कोशिश की थी और इसी दौरान वह मुठभेड़ में मारा गया था। उस समय उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने पत्रकारों से कहा था कि बिकरू कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस ने उज्जैन में गिरफ्तार किया था और उसे कानपुर लाया जा रहा था।
कुमार ने बताया था कि कानपुर जिले में गाड़ी पलट गई तो विकास दुबे ने एक घायल पुलिसकर्मी की पिस्तौल छीन ली और भागने की कोशिश करने लगा। उन्होंने बताया था कि पुलिस ने विकास दुबे को चारों तरफ से घेरकर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन उसने गोली चला दी और जवाब में पुलिस ने भी गोली चलाई, जिससे वह घायल हो गया। कुमार ने बताया था कि घायल विकास दुबे को पुलिस जब अस्पताल लेकर पहुंची तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कानपुर, कानपुर देहात और लखनऊ में स्थित 13 अचल संपत्तियों का मूल्यांकन लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और जिला प्रशासन की मदद से किया गया था तथा इनकी कीमत 67 करोड़ रुपये के करीब आंकी गई है।
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