जयशंकर ने जर्मनी की विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर चर्चा की
नई दिल्ली, सोमवार, 05 दिसम्बर 2022। विदेश मंत्री एस जयशंकर और जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने सोमवार को ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन सहित द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा की । बेयरबॉक दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंची। उनकी यात्रा ऐसे समय में हुई है जब चार दिन पहले ही भारत ने जी20 समूह की औपचारिक अध्यक्षता ग्रहण की है। जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक ने अपने बयान में भारत को जर्मनी का नैसर्गिक साझेदार बताया । उन्होंने कहा कि 21वीं सदी, खास तौर पर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में विश्व व्यवस्था को आकार प्रदान करने में भारत की निर्णायक भूमिका होगी और भारत की यात्रा करना दुनिया के छठे हिस्से की यात्रा करने जैसा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ भारत सरकार ने न केवल जी20 में अपने लिये महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है बल्कि अपने देश के लिए भी एक लक्ष्य रखा है। जब नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार की बात आती है तब भारत ऊर्जा परिवर्तन (उपयोग) में पहले से ज्यादा आगे बढ़ना चाहता है और इसमें जर्मनी, भारत के साथ खड़ा है।’’ बेयरबॉक ने कहा कि जलवायु संकट के असर से हम सभी प्रभावित हुए हैं, यूरोप और भारत में भी आजीविका को नुकसान पहुंचा है, ऐसे में हम आर्थिक, जलवायु क्षेत्र और सुरक्षा नीति को लेकर अपने सहयोग को सामरिक गठजोड़ के स्तर से आगे ले जाना चाहते हैं और यह केवल खोखली बातें नहीं हैं ।
इस बीच, अधिकारियों ने कहा कि दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक के दौरान ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन सहित द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ बनाने जैसे विषय चर्चा के एजेंडे में प्रमुख रहे । बैठक से पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने बेयरबॉक के साथ चित्र साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘‘ भारत में आपका स्वागत है।’’ बेयरबॉक के सोमवार को भारत पहुंचने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर नयी दिल्ली पहुंचने पर जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक का स्वागत है। यह हमारे सामरिक गठजोड़ में प्रगति की समीक्षा करने तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान प्रदान करने का अवसर है।’’
शनिवार को जर्मनी के बयान में कहा गया था कि जयशंकर और बेयरबॉक के बीच वार्ता के दौरान भारत के चीन के साथ संबंध और यूक्रेन पर रूसी हमले के प्रभाव जैसे मुद्दे उठना तय है। इसमें कहा गया था कि इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र के बारे में भी चर्चा हो सकती है। भारत और जर्मनी ने वर्ष 2021 में अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनायी । वहीं, इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी सम्मेलन में हिस्सा लेने बर्लिन गए थे । इसके अलावा भारत जी7 देशों की बैठक में सहभागी देश के रूप में शामिल हुआ था ।
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