अजमेर आरपीएफ व जीआरपी की कार्यवाही : ट्रेन में 17 बच्चें को गुजरात लेकर जाने वाला दलाल गिरफ्तार
- पोरबंदर एक्स्प्रेस ट्रेन में पकड़ा
- सात नाबालिग को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया
अजमेर, शनिवार, 13 अप्रैल 2024। अजमेर रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए बाल श्रम के लिए ट्रेन के माध्यम से गुजरात लेकर जा रहे दलाल को 17 बच्चों के साथ गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सभी बच्चो को हिरासत में ले लिया है, जिनमें से 7 बच्चे नाबालिग है। पुलिस ने नाबालिग बच्चों को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द किया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। आरपीएफ की उपनिरीक्षक चंचल शेखावत ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के सीआईबी मुख्यालय से सूचना मिली थी कि गाड़ी संख्या 20938 पोरबंदर एक्स्प्रेस ट्रेन के आगे से दूसरे जनरल कोच संख्या 074678 में कुछ बच्चे संदिग्ध और डरे सहमे है। सूचना पर अजमेर आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त पुलिस टीम ने ट्रेन के अजमेर रेलवे स्टेशन पहुंचने पर कोच का निरीक्षण किया तो कोच में एक व्यक्ति 17 बच्चों के साथ बैठा मिला। आरपीएफ पुलिस को व्यक्ति ने अपना नाम बृजेश कुमार पुत्र रामसेवक पुलिस थाना रामपुर मथुरा उत्तर प्रदेश का बताया। पुलिस ने सभी को स्टेशन पर उतार लिया और पूछताछ के लिए थाने ले आई वहीं संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में ले लिया।
नाबालिगों को सौंपा बाल कल्याण समिति को:- आरपीएफ उपनिरीक्षक शेखावत ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी के पास से 17 बच्चों को थाना लगाया गया, इन बच्चों में से 7 नाबालिग है। पुलिस पूछताछ में दलाल बृजेश ने बताया कि बच्चों और युवाओं को फाल्कन धागा कंपनी सायर राजकोट गुजरात में काम करने के लिए ले जा रहा था। आरपीएफ ने 7 नाबालिग बच्चों को अजमेर बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया है, साथ ही बृजेश कुमार को गिरफ्तार कर जीआरपी अजमेर थाने के सुपुर्द कर दिया।
500 मजदूरी का लालच:- पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि सभी नाबालिग बच्चे गरीब परिवारों से हैं। बच्चों को प्रतिदिन 410 व 510 रुपए मजदूरी मिलने का लालच दिया था। एक बच्चे ने बताया कि उनके परिजन को भरोसा दिलाया गया था कि तीनों टाइम बढिय़ा पेटभर भोजन मिलेगा। रहने की अच्छी व्यवस्था रहेगी और अच्छी मजदूरी मिलेगी। एक कमरे में रहकर केवल दिन में 6 घंटे काम करना होगा। परिवारिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण विश्वास करके उस व्यक्ति के साथ भेजा था। इसके बाद बृजेश के हाथों सौंप दिया। बच्चों को पुलिस को बताया कि दलाल ने उन्हें सफर में भी खाने-पीने को कुछ नहीं दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
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