28 या 29 अगस्त, कब रखा जाएगा अजा एकादशी का व्रत?

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सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अत्यंत शुभ माना जाता है, विशेषकर इस दिन श्रीहरि विष्णुजी की पूजा और आराधना की जाती है। प्रत्येक महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को यह व्रत किया जाता है। इस साल, एकादशी व्रत 29 एवं 30 अगस्त के बीच मनाया जाएगा, जहां अजा एकादशी 29 अगस्त को होगी। पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 29 अगस्त को पड़ेगी। इस दिन अजा एकादशी का आरंभ मध्य रात्रि 1:30 बजे होगा और इसका समापन 30 अगस्त को रात 1:37 मिनट पर होगा। इस दिन व्रत और प्रभु श्री विष्णु की पूजा से सभी पाप समाप्त हो जाते हैं तथा मोक्ष प्राप्त होता है।

पौराणिक कथा: 

  • अजा एकादशी का संबंध राजा हरिशचंद्र से है। कहा जाता है कि राजा हरिशचंद्र ने इस व्रत को करने के बाद अपने मृत पुत्र को पुनर्जीवित किया तथा अपने खोए हुए राजपाट को पुनः प्राप्त किया। यह एकादशी सभी पापों को समाप्त कर मोक्ष प्रदान करती है।

पूजा विधि:

  • स्नान और संकल्प: सवेरे स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और व्रत का संकल्प लें।
  • कलश स्थापना: एक तांबे के लोटे को जल से भरें और उस पर अशोक के पत्ते या डंठल वाले पान रखें, फिर उस पर नारियल रखकर कलश की स्थापना करें।
  • पूजा: कलश के पास या उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति रखें और दोनों की पूजा करें। दीपक जलाएं और पूजा सम्पन्न करें।
  • इस प्रकार, एकादशी व्रत से न केवल धार्मिक लाभ मिलता है, बल्कि पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

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