सोमवती अमावस्या पर बने रहे हैं शुभ योग, जानिए शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का महत्व

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भाद्रपद माह की अमावस्या तिथि, जिसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है, सनातन धर्म में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इस दिन को भाद्रपद अमावस्या एवं पिठोरी अमावस्या भी कहते हैं। इस बार, सोमवती अमावस्या 2 सितंबर को मनाई जाएगी, हालांकि कुछ लोग इसे 3 सितंबर को भी मानते हैं।

सोमवती अमावस्या का शुभ मुहूर्त
दृक पंचांग के मुताबिक, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 2 सितंबर को सुबह 5:21 बजे शुरू होगी और 3 सितंबर को सुबह 7:54 बजे समाप्त होगी। इस दिन शिव योग और सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। शिव योग 2 सितंबर को शाम 6:20 बजे तक रहेगा, जबकि सिद्धि योग 3 सितंबर को सुबह 7:05 बजे तक जारी रहेगा।

स्नान-दान का महत्व
सोमवती अमावस्या के दिन स्नान-दान का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के मुताबिक, इस दिन गंगा नदी में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है और व्यक्ति के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। इस दिन पितरों के श्राद्ध, तर्पण, और पिंडदान के कार्य भी किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे पितर तृप्त होते हैं और परिवार को सुख, शांति, और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। यह दिन विशेष रूप से पितृपक्ष के लिए महत्वपूर्ण होता है और इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों का अत्यधिक महत्व माना जाता है।

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