कार्तिक माह में पड़ रही हैं ये 2 खास एकादशी, जानिए शुभ मुहूर्त

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सनातन धर्म की मान्यताओं के अनुसार, प्रत्येक महीने में दो बार एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो प्रभु श्री विष्णु को समर्पित होता है—पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में तथा दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा से एकादशी का व्रत करता है, उसे सभी दुखों से मुक्ति मिलती है तथा उसका वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है। फिलहाल कार्तिक माह चल रहा है, जिसे प्रभु श्री विष्णु को समर्पित माना जाता है। वैदिक पंचांग के मुताबिक, कार्तिक माह में दो विशेष एकादशियां पड़ती हैं: पहली रमा एकादशी और दूसरी देवउठनी एकादशी। धार्मिक मान्यता है कि रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को अत्यधिक फल की प्राप्ति होती है, जबकि देवउठनी एकादशी का व्रत करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति प्राप्त होती है। आइए इन दोनों एकादशियों की तिथि और मुहूर्त के बारे में विस्तार से जानते हैं।

रमा एकादशी 2024 कब है?
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रमा एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस एकादशी के मौके पर मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है। रमा एकादशी के दिन प्रभु श्री विष्णु की पूजा करने से सभी दुख दूर होते हैं और अमोघ फल की प्राप्ति होती है। इस वर्ष रमा एकादशी का व्रत 27 अक्टूबर को रखा जाएगा।

  • कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि शुरू: 27 अक्टूबर, सुबह 5:23 बजे
  • कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि समाप्त: 28 अक्टूबर, सुबह 7:50 बजे
  • रमा एकादशी व्रत तिथि: 27 अक्टूबर, रविवार
  • व्रत पारण समय: 28 अक्टूबर, सुबह 6:31 से 8:44 बजे तक

देवउठनी एकादशी 2024 कब है?

  • कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवउठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन प्रभु श्री विष्णु की पूजा करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है तथा व्यक्ति को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलती है। इस वर्ष देवउठनी एकादशी का व्रत 12 नवंबर को रखा जाएगा।
  • शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि शुरू: 11 नवंबर, शाम 6:46 बजे
  • शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि समाप्त: 12 नवंबर, शाम 4:04 बजे
  • देवउठनी एकादशी व्रत तिथि: 12 नवंबर, मंगलवार
  • व्रत पारण समय: 12 नवंबर, सुबह 6:42 से 8:51 बजे तक

एकादशी तिथि का महत्व
एकादशी तिथि पर प्रभु श्री विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की भी पूजा का विधान है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन पूजा और उपासना करने से व्यक्ति के रुके हुए कार्य पूरे हो जाते हैं तथा जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है। साथ ही, एकादशी का व्रत रखने से पापों से भी मुक्ति प्राप्त होती है।

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