कर्नाटक को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने टीडीआर प्रमाणपत्रों से संबंधित पिछले आदेशों पर लगायी अस्थाई रोक

img

नई दिल्ली, गुरुवार, 29 मई 2025। उच्चतम न्यायालय ने बैंगलोर पैलेस ग्राउंड से संबंधित 3,400 करोड़ रुपए से अधिक के हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) प्रमाणपत्र से जुड़े पिछले आदेशों पर फिलहाल रोक लगा कर कर्नाटक सरकार को गुरुवार को एक बड़ी राहत दी। न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की अंशकालिक कार्य दिवस पीठ ने बेल्लारी और जयमहल रोड को चौड़ा करने के लिए अधिग्रहित बैंगलोर पैलेस ग्राउंड की 15 एकड़ से अधिक भूमि के के मामले में यह राहत दी। अदालत ने उस भूमि के बदले श्रीकांतदत्त नरसिंहराजा वाडियार और अन्य के कानूनी उत्तराधिकारियों के पक्ष में 3,400 करोड़ रुपए से अधिक के टीडीआर प्रमाणपत्र सौंपने के पिछले आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।

पीठ ने कहा कि सभी टीडीआर प्रमाणपत्र रजिस्ट्री के पास जमा रहेंगे और अगर उन्हें जारी किया जाता है, तो उनका उपयोग नहीं किया जाएगा या कोई तीसरे पक्ष को उसका अधिकार नहीं मिलेगा। न्यायालय ने आदेश दिया कि टीडीआर प्रमाणपत्र जारी करने के 22 मई के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा दायर समीक्षा याचिका पर 21 जुलाई, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में सुनवाई होगी। पीठ ने कहा, 'यदि समीक्षा याचिका खारिज कर दी जाती है, तो अंतरिम निर्देश ऐसे आदेश पारित करने की तिथि से चार सप्ताह तक या तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सुनवाई होने तक (जो भी बाद में हो) लागू रहेंगे।

पीठ ने मुख्य दीवानी अपील की सुनवाई 18 अगस्त, 2025 को करने का भी निर्देश दिया। शीर्ष न्यायालय ने अवमानना ​​कार्यवाही में जारी 22 मई के निर्देश में संशोधन के लिए कर्नाटक सरकार के आवेदन पर वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया। कर्नाटक सरकार की ओर से महाधिवक्ता के शशि किरण शेट्टी और अतिरिक्त महाधिवक्ता निशांत पाटिल भी उपस्थित हुए। वरिष्ठ अधिवक्ता ए के गांगुली और गोपाल शंकरनारायणन तथा अन्य के नेतृत्व में दूसरे पक्ष ने तर्क दिया कि राज्य सरकार द्वारा उठाए गए तर्कों पर कई बार विचार किया गया है और उन्हें खारिज कर दिया गया।

पीठ के समक्ष श्री गांगुली ने पूछा, 'यह क्या हो रहा है।' उन्होंने वर्ष 2014 के आदेश में संशोधन की मांग की और कहा कि तीन अलग-अलग पीठों ने इसे खारिज कर दिया। श्री शंकरनारायणन ने कहा कि अंतर-न्यायालय अपील नहीं हो सकती। अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने 18 अगस्त, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में मुख्य दीवानी अपीलों को तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, 'अंतरिम उपाय के रूप में, अवमानना ​​कार्यवाही में पारित आदेश के अनुसरण में जारी सभी टीडीआर अगले आदेश तक रजिस्ट्री के पास जमा रहेंगे।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement