गणेश चतुर्थी 2025: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

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हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्मोत्सव पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व न केवल महाराष्ट्र, बल्कि पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन घरों और मंदिरों में गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित की जाती है और दस दिनों तक विधिवत पूजा-अर्चना के बाद अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है।

गणेश चतुर्थी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

गणेश चतुर्थी 2025, बुधवार 27 अगस्त को मनाई जाएगी।

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे

चतुर्थी तिथि समाप्त: 27 अगस्त 2025 को दोपहर 03:44 बजे

मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त: सुबह 11:05 से दोपहर 01:40 बजे तक (अवधि – 2 घंटे 34 मिनट)

पूजा विधि

इस दिन प्रातःकाल स्नान कर घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करें। गंगाजल से गणेश जी का अभिषेक कर उन्हें लाल वस्त्र अर्पित करें। सिंदूर, रोली और दूर्वा घास चढ़ाना विशेष शुभ माना जाता है। भगवान गणपति को मोदक और लड्डुओं का भोग लगाएं। पूजा के दौरान "ॐ गं गणपतये नमः" मंत्र का जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।

आवश्यक पूजा सामग्री

गणेश प्रतिमा, लाल कपड़ा, दूर्वा, जनेऊ, कलश, नारियल, पंचामृत, पंचमेवा, गंगाजल, रोली, मौली, दीपक और धूप।

भोग

भगवान गणेश को मोदक, लड्डू और पंचमेवा का भोग अर्पित करें।

विशेष उपाय

गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा में घी का प्रयोग अवश्य करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार घी रोग नाशक और पुष्टिवर्धक होता है। ऐसा करने से भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

गणेश चतुर्थी का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामुदायिक उत्सव का भी माध्यम है, जिसमें भक्ति, संगीत और आनंद का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।

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