भोजपुरी स्टार पवन सिंह को मिली 'वाई प्लस' कैटेगरी की सुरक्षा

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भोजपुरी फिल्मों के पावर स्टार और अब भाजपा नेता बने पवन सिंह को लेकर केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। उन्हें अब वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा प्रदान की गई है। यह सुरक्षा गृह मंत्रालय ने इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की थर्ड परसेप्शन रिपोर्ट के आधार पर मंजूर की है। इस रिपोर्ट में पवन सिंह की जान को खतरा बताया गया, जिसके बाद केंद्र सरकार ने उनकी सुरक्षा को लेकर यह अहम कदम उठाया है। पवन सिंह अब देश के उन चुनिंदा चेहरों में शामिल हो गए हैं जिन्हें वाई प्लस स्तर की सुरक्षा दी गई है। वाई प्लस कैटेगरी की सुरक्षा का मतलब है कि पवन सिंह के साथ अब 24 घंटे हथियारों से लैस कमांडो तैनात रहेंगे।

इस सुरक्षा घेरे में कुल 11 से 12 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं, जिनमें केंद्रीय बलों के कमांडो, निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ), और अन्य सुरक्षाकर्मी होते हैं। ये सुरक्षाकर्मी हर वक्त पवन सिंह के आसपास मौजूद रहेंगे, चाहे वह घर पर हों, किसी कार्यक्रम में, या यात्रा के दौरान। इस सुरक्षा व्यवस्था का उद्देश्य पवन सिंह को किसी भी संभावित खतरे से बचाना है। यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब पवन सिंह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। एक तरफ वह अपने राजनीतिक करियर को लेकर चर्चा में हैं, वहीं दूसरी ओर उनका निजी जीवन भी विवादों में घिरा हुआ है। हाल ही में उन्होंने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की थी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल थे। इसके बाद उन्होंने 5 अक्टूबर को एक बार फिर भाजपा की सदस्यता ली। माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें बिहार विधानसभा चुनाव में आरा या काराकाट सीट से मैदान में उतार सकती है।

राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ पवन सिंह का निजी विवाद भी इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। उनकी पत्नी ज्योति सिंह ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ज्योति हाल ही में लखनऊ स्थित उनके फ्लैट पर पहुंच गईं और सोशल मीडिया के जरिए लाइव होकर कहा कि वे मानसिक तनाव में हैं और आत्महत्या करने की सोच रही हैं। इस पूरे मामले ने पवन सिंह की छवि और व्यक्तिगत जिंदगी को लेकर काफी सवाल खड़े कर दिए हैं।

वहीं बिहार विधानसभा चुनाव की बात करें, तो चुनाव दो चरणों में होने हैं, पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होगा। ऐसे में पवन सिंह जैसे लोकप्रिय चेहरे का राजनीति में सक्रिय होना भाजपा के लिए एक बड़ा दांव हो सकता है। भोजपुरी सिनेमा में उनकी लोकप्रियता और जन-आकर्षण क्षमता को देखते हुए भाजपा उन्हें एक प्रभावशाली उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकती है, खासकर बिहार के शाहाबाद क्षेत्र में, जहां उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।

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