मशहूर एक्टर सतीश शाह का निधन

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जाने माने अभिनेता सतीश शाह का निधन हो गया है। सतीश शाह ने 74 साल की उम्र में शनिवार 25 अक्तूबर की दोपहर को अंतिम सांस ली। सतीश किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। सतीश शाह का अंतिम संस्कार 26 अक्तूबर को किया जाएगा। सतीश के निधन की खबर से फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में मातम पसर गया है। सतीश शाह ने अपने करियर में ढेरों फिल्मों में काम किया है। हालांकि उन्हें घर घर में फेमस टीवी शो साराभाई वर्सेस साराभाई में इंद्रवदन साराभाई उर्फ इंदु के रोल ने बनाया था। इस कॉमेडी शो में सतीश का काम कमाल था।

बॉलीवुड में सतीश शाह को ऐसे अभिनेता के तौर पर याद किया जाएगा, जिन्होंने अपने जबरदस्त हास्य अभिनय से दर्शकों को हंसाया, गुदगुदाया और हर किरदार में जान डाल दी। सतीश शाह का जन्म 25 जून 1951 को मुंबई में हुआ था। इनका परिवार मूलरूप से गुजरात के मांडवी का रहने वाला था। उनके पिता का मुंबई में अपना एक छोटा सा व्यापार था। स्कूल के दिनों में सतीश शाह को अभिनय में कोई दिलचस्पी नहीं थी। वह खेल के शौकीन थे। सतीश शाह बढ़िया क्रिकेट खेलते थे। साथ ही साथ बेसबॉल में भी उनका स्कूल में बढ़िया नाम था। वह अपने स्कूल में वह हाई जंप और लॉन्ग जंप के चैंपियन हुआ करते थे। एक बार स्कूल के सालाना समारोह में नाटकों में जब कलाकारों की की कमी पड़ी तो हिंदी शिक्षक ने सतीश शाह का नाम नाटक करने वाले बच्चों की सूची में लिख लिया।

सतीश शाह काफी नर्वस हो गए। उन्होंने कभी अभिनय नहीं किया थी, लेकिन वह शिक्षक को मना भी नहीं कर पा रहे थे। सतीश नाटक शुरू होने से पहले बुरी तरह घबरा गए। सतीश शाह को घबराता देखकर शिक्षक ने उनसे कहा कि दर्शकों की तरफ देखना ही मत। तुम बस ऊपर देखकर अपने डायलॉग बोल देना। हुआ नाटक शुरू होने पर सतीश शाह ने दर्शकों की तरफ ज़रा भी नहीं देखा। नाटक खत्म होने पर सतीश शाह को स्टैंडिंग ओविएशन मिला। इसके बाद सतीश शाह ने तय कर लिया कि अब तो उन्हें अभिनेता ही बनना है।

कॉलेज में दाखिला लेने के बाद पढ़ाई के साथ-साथ सतीश शाह ने नाटकों में काम करना भी जारी रखा। कॉलेज खत्म हुआ तो सतीश शाह पुणे में मौजूद फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एफटीआईआई)पहुंच गये। सतीश शाह ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म भगवान परशुराम से की थी। वह 1978 में प्रदर्शित फिल्म अरविंद देसाई की अजीब कहानी और वर्ष 1979 में फिल्म गमन में नज़र आए लेकिन पहचान नहीं बना सके। वर्ष 1981 प्रदर्शित फिल्म उमराव जान और अल्बर्ट पिंटो को गुस्सा क्यों आता है में काम कर सतीश शाह कुछ हद तक पहचान मिली। वह 1982 में प्रदर्शित फिल्म शक्ति में अमिताभ बच्चन और दिलीप कुमार जैसे महान कलाकारों के साथ नज़र आए।

वर्ष 1983 में प्रदर्शित फिल्म जाने भी दो यारों सतीश शाह के करियर की महत्वपूर्ण फिल्म साबित हुयी।इस फिल्म के बाद तो सतीश शाह की किस्मत चमक उठी और वह फिल्म इंडस्ट्री में बतौर हास्य कलाकार अपनी पहचान बनाने में सफल हो गये। इसके बाद सतीश शाह ने 200 से अधिक फिल्मों में अपने जबरदस्त हास्य अभिनय से दर्शकों को दीवाना बनाया।

सतीश शाह ने केवल फिल्मों में ही नहीं, छोटे पर्दे पर भी अपनी कॉमेडी से दर्शकों को खूब गुदगुदाया। वर्ष 1984 में दूरदर्शन पर प्रसारित ये जो है जिदंगी में के 55 एपिसोड्स में सतीश शाह नजर आये और इन सभी एपिसोड्स में उन्होंने 55 अलग-अलग किरदारों को निभाया था। उन्होंने घर जमाई,साराभाई वर्सेज साराभाई में काम कर दर्शकों का दिल जीत लिया। सतीश शाह ने वर्ष 1972 में मधु शाह से शादी की थी। मधु शाह और सतीश शाह की लव मैरिज हुई थी। सतीश शाह ने अपनी अनोखी एक्टिंग और बेमिसाल टाइमिंग से हिंदी सिनेमा और टेलीविजन में एक खास मुकाम हासिल किया चाहे वह फिल्मों में छोटा-सा किरदार हो या टीवी पर लंबी पारी, उन्होंने हर बार दर्शकों के चेहरों पर मुस्कान बिखेरी।

सतीश शाह ने सिर्फ अभिनय तक खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने ‘कॉमेडी सर्कस’ में अर्चना पूरन सिंह के साथ जज की भूमिका निभाई। सतीश शाह ने दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे,हम आपके हैं कौन, मालामाल, हम साथ साथ हैं, ‘मैं हूं ना’ , ‘फना’, कल हो ना हो, और ‘ओम शांति ओम’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया।

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