असम : प्रख्यात शिक्षाविद, गायक बीरेन्द्रनाथ दत्ता का निधन

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गुवाहाटी, सोमवार, 23 अक्टूबर 2023। प्रख्यात शिक्षाविद, गायक और गीतकार बीरेंद्रनाथ दत्ता का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को यहां एक अस्पताल में निधन हो गया। उनके परिवार ने यह जानकारी दी। 88 वर्षीय दत्ता के परिवार में पत्नी, बेटा और दो बेटियां हैं। दत्ता लंबे समय से वृद्धावस्था की विभिन्न बीमारियों से पीड़ित थे और हाल ही में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 2009 में कला और साहित्य के क्षेत्र में पद्मश्री से सम्मानित किए गए दत्ता ने यहां बी बरूआ कॉलेज में एक शिक्षाविद के रूप में अपना करियर शुरू किया और गौहाटी विश्वविद्यालय के लोकगीत अनुसंधान विभाग के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त होने से पहले, राज्य के विभिन्न कॉलेजों में अध्यापन कार्य किया।

सेवानिवृत्ति के बाद, उन्होंने तेजपुर विश्वविद्यालय में पारंपरिक संस्कृति और कला रूपों के विभाग में बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं दीं। एक प्रख्यात गीतकार के रूप में, दत्ता ने कई गीत लिखे और कई को खुद गाया भी। ‘बोहु दिन बोकुलेर गुंध पुवा नै’ उनके सबसे लोकप्रिय गीतों में से एक है। वह 2003 से दो कार्यकाल के लिए असम के प्रमुख साहित्यिक संगठन असम साहित्य सभा के अध्यक्ष और गौहाटी आर्टिस्ट गिल्ड के आजीवन सदस्य भी रहे।

प्रतिष्ठित लेखक दत्ता की प्रमुख पुस्तकों में ‘पूर्वोत्तर भारत की सांस्कृतिक रूपरेखा’ और ‘संकर माधवर मनीषा अरु असोमर सांस्कृतिक उत्तराधिकार’ शामिल हैं। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने दत्ता के निधन पर शोक जताते हुए अपने संदेश में कहा कि भाषा विज्ञान और संस्कृति के प्रख्यात शोधकर्ता के निधन की खबर ने संस्कृति, कला और संगीत के क्षेत्र में एक बड़ा शून्य उत्पन्न कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैं असम साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’’

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