अठारहवीं लोकसभा : सत्र के दूसरे दिन महाराष्ट्र, मणिपुर और ओडिशा के सदस्यों ने शपथ ली

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नई दिल्ली, मंगलवार, 25 जून 2024। अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को नव निर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली और सबसे पहले महाराष्ट्र के सांसदों को शपथ दिलाई गई। उनके बाद मणिपुर, नगालैंड और ओडिशा के नव निर्वाचित सांसदों ने शपथ ग्रहण की। अठारहवीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत सोमवार को हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ ही अंडमान निकोबार, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़, दिल्ली, दादरा नागर हवेली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख और मध्यप्रदेश के नव निर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली।

मंगलवार को कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया और सदस्यों को शपथ दिलाई। महाराष्ट्र के लगभग सभी नवनिर्वाचित लोकसभा सदस्यों ने मराठी भाषा में शपथ ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सदस्य सुप्रिया सुले और अमोल कोल्हे ने शपथ लेने के बाद पीठासीन कार्यवाहक उपाध्यक्ष महताब का अभिवादन करते हुए उनके पैर छुए।  महताब ने शपथ लेने वाले सदस्यों को बधाई देते हुए उनसे कुछ सैकंड तक बातचीत भी की। शपथ लेने वालों में शिवसेना (यूबीटी) के नेता अरविंद सावंत और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे भी शामिल थे।

शोलापुर से कांग्रेस सांसद निर्वाचित हुईं प्रणीति शिंदे ने हिंदी में शपथ ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे की पुत्री प्रणीति और कांग्रेस के अन्य कुछ सदस्यों ने शपथ लेते समय हाथ में संविधान की प्रति ले रखी थी। मणिपुर की दोनों सीट से निर्वाचित कांग्रेस के सदस्य जब शपथ लेने पहुंचे तो पूर्वोत्तर के सदस्यों ने परंपरागत शैली में गीत गाकर उनका स्वागत किया। आंतरिक मणिपुर सीट से निर्वाचित कांग्रेस के अंगोमचा बिमल अकोइजम और बाहरी मणिपुर से सदस्य चुने गए कांग्रेस के अल्फ्रेड कनंगम एस आर्थर ने शपथ लेते समय संविधान की प्रति हाथ में ले रखी थी।

अकोइजम ने मणिपुरी में, वहीं आर्थर ने अंग्रेजी में शपथ ली। दोनों सदस्य जब शपथ लेने के लिए पोडियम तक पहुंचे तो कांग्रेस के सदस्यों ने अपने स्थान पर उठकर मेजें थपथपाईं। आर्थर जब शपथ लेने के लिए उठे तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी अपने स्थान पर खड़े होकर उनका अभिवादन करते हुए देखा गया। मणिपुर का परंपरागत परिधान कंधे पर डालकर आए आर्थर ने शपथ के अंत में कहा, ‘‘मणिपुर को न्याय दिलाइए, देश बचाइए।’’ इससे पहले महाराष्ट्र के विभिन्न सदस्यों ने भी अपने शपथ वक्तव्य के बाद ‘जय महाराष्ट्र’ और ‘जय भीम’ जैसे नारे लगाए। इस बीच महताब ने शपथ लेने वाले सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे केवल निर्धारित प्रारूप में लिखित शपथ ही पढ़ें और इसके अतिरिक्त कुछ नहीं बोलें।

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