स्पाइसजेट की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से दिल्ली उच्च न्यायालय का इनकार

नई दिल्ली, शुक्रवार, 16 अगस्त 2024। दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पाइसजेट की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसमें कंपनी के तीन विमानों के इंजनों का इस्तेमाल बंद करने और उन्हें 15 दिन के अंदर पट्टेदारों को सौंपने संबंधी आदेश को चुनौती दी गई है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पी. एस. अरोड़ा की पीठ के समक्ष याचिका को जल्द सुनवाई के लिए पेश किया गया था। पीठ ने कहा कि आज याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करना संभव नहीं है और वह 20 अगस्त को सुनवाई करेगी। पीठ ने कहा, “आज इसे सूचीबद्ध करना बहुत मुश्किल है। आज कई न्यायाधीश अवकाश पर हैं। न्यायाधीश कागजात (मामले से संबंधित दस्तावेज) पढ़ेंगे। हम मंगलवार को इसपर सुनवाई करेंगे।” स्पाइसजेट ने एक न्यायाधीश के 14 अगस्त के आदेश को चुनौती दी है, जिन्होंने कंपनी को शुक्रवार यानी आज तक तीन इंजनों का इस्तेमाल बंद करने और इन्हें 15 दिन के अंदर पट्टे पर देने वालों को सौंपने का निर्देश दिया था।
न्यायाधीश ने स्पाइसजेट को निर्देश दिया था कि वह सात दिन के भीतर दिल्ली हवाई अड्डे पर अपने अधिकृत प्रतिनिधियों के माध्यम से पट्टादाताओं, टीम फ्रांस 01 एसएएस और सनबर्ड फ्रांस 02 एसएएस को इंजनों का पूर्व निरीक्षण करने की पेशकश करे। न्यायाधीश ने यह आदेश पट्टादारों की याचिका पर पारित किया था, जिसमें स्पाइसजेट को पट्टा समझौते की समाप्ति पर तीन इंजनों का कब्जा सौंपने का निर्देश देने की मांग की गई थी। पट्टेदारों ने दावा किया था कि स्पाइसजेट पर कई लाख डॉलर बकाया हैं।


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