गणेश चतुर्थी के दिन क्यों नहीं देखना चाहिए चांद?

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 गणेश चतुर्थी जल्द ही आने वाली है, तथा प्रभु श्री गणेश के भक्तों ने इस पावन पर्व की तैयारियां आरम्भ कर दी हैं। इस वर्ष, यह 10 दिनों तक चलने वाला त्योहार 7 सितंबर से आरम्भ होकर 17 सितंबर तक मनाया जाएगा। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला यह त्योहार हर्ष और उल्लास से भरा होता है, जो भक्ति और सांस्कृतिक परंपराओं का जीवंत संगम है। गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने से क्यों बचना चाहिए, तथा यदि अनजाने में चांद दिख जाए तो क्या करना चाहिए? आइए आपको बताते है...

चंद्र दर्शन से बचने का कारण
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, गणेश चतुर्थी पर चंद्रमा देखना वर्जित है क्योंकि ऐसा करने पर मिथ्या दोष लगने का खतरा होता है। एक प्राचीन कथा के अनुसार, प्रभु श्री गणेश एक बार अपने वाहन मूषक पर सवार होकर यात्रा कर रहे थे, किन्तु अपने वजन की वजह से वे लड़खड़ा गए। इस दृश्य को देखकर चंद्रमा ने उनका उपहास किया। क्रोधित होकर, गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया कि जो कोई भी  भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखेगा, उसे झूठे आरोप का सामना करना पड़ेगा और समाज में अपमानित होना पड़ेगा।

प्रभु श्री कृष्ण को भी एक बार इस श्राप का सामना करना पड़ा जब उन्होंने गलती से गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देख लिया। इसके परिणामस्वरूप उन पर स्यामंतक मणि चोरी का झूठा आरोप लगा। बाद में, ऋषि नारद ने उन्हें इस श्राप के बारे में बताया तथा सुझाव दिया कि इससे मुक्ति पाने के लिए गणेश चतुर्थी पर व्रत रखा जाए। इस घटना के पश्चात्, इस श्राप से बचने के लिए चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन से बचने की प्रथा प्रचलित हो गई।

चंद्र दर्शन से बचाव और उपाय
अगर कोई गलती से चंद्रमा को देख लेता है, तो पाप से मुक्ति पाने के लिए गणेश चतुर्थी पर व्रत रखने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही निम्नलिखित मंत्र का जाप करना भी शुभ माना जाता है:

सिंहः प्रसेनमवधीतसिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मरोदिस्तव ह्येषा स्यामंतकः॥

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