भाजपा लोकसभा चुनाव में बहुमत नहीं मिलने के कारण वक्फ़ विधेयक लेकर आयी है : कांग्रेस सांसद हुसैन

img

नई दिल्ली, गुरुवार, 03 अप्रैल 2025। राज्यसभा में बृहस्पतिवार को कांग्रेस सांसद सैयद नसीर हुसैन ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार पर आरोप लगाया कि उसने 2013 में वक्फ़ संशोधन विधेयक का समर्थन करने के बाद अपना रुख इसलिए बदल लिया क्योंकि 2024 के चुनाव में उसे स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और वह वक्फ़ कानून के बारे में देश में तमाम तरह की भ्रांतियां फैला रही है। वक्फ़ (संशोधन) विधेयक, 2025 पर उच्च सदन में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि 2013 में जब यह विधेयक संसद में आया तो लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों में भाजपा के नेताओं ने उसका समर्थन किया था लेकिन आज इसे ‘दमनकारी कानून’ करार दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में जब सत्तारूढ़ भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला और वह 240 सीटों पर सिमट गयी तो उसे इस वक्फ़ कानून की याद आयी और वह इसे दमनकारी कानून कहने लगी। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित कई प्रदेशों में तो वक्फ़ बोर्ड गठित ही नहीं किये गये और आज अल्पसंख्यक मंत्री वक्फ़ में पारदर्शिता लाने की बात कर रहे हैं। हुसैन ने सरकार से जानना चाहा कि क्या सरकार ‘प्रैक्टिसिंग मुस्लिम’ की पहचान करने के लिए कोई अलग विभाग खोलेगी और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो लगा कर कोई प्रमाणपत्र देगी ? उन्होंने कहा कि इस विधेयक का असली मकसद यह है कि खुद सरकार की नज़र वक्फ़ की जमीन पर लगी हुई है। उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ दल अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए यह विधेयक लेकर आया है।

हुसैन ने सरकार को चुनौती दी कि विधेयक पर विचार के लिए जो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की गयी थी, उसमें आये अधिकतर लोगों ने विधेयक के खिलाफ राय दी। उन्होंने सरकार को चुनौती दी कि जेपीसी और सरकार के पास इस विधेयक को लेकर जो ज्ञापन और दस्तावेज आये, उन्हें सार्वजनिक किया जाए ताकि देश को पता चल सके कि विधेयक के पक्ष में कितने लोगों ने सुझाव दिये और कितने लोगों ने इसका विरोध किया। उपरोक्त जेपीसी के सदस्य हुसैन ने कहा कि समिति की बैठक में विधेयक के प्रावधानों पर विस्तार से विचार विमर्श नहीं किया गया और विपक्ष के सदस्यों की आवाज को दबाया गया। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी सदस्यों की किसी भी सिफारिश को जेपीसी रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया।

कांग्रेस सदस्य ने सुझाव दिया कि पर्सनल लॉ को छोड़कर सभी धर्मों एवं संप्रदायों के मामलों के लिए एक समान कानून बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार इस विधेयक के माध्यम से एक ‘लक्षित कानून’ लाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा एक समुदाय को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार देश में एक खास वर्ग के लोगों की नागरिकता को कानून के माध्यम से रोका जा रहा है। हुसैन ने कहा कि आज मस्जिदों को खोदकर मंदिर तलाशे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि इतिहास में जाकर पुरानी बातों को खोदा जाएगा तो पता नहीं क्या क्या बातें निकलेंगी ?

उन्होंने कहा कि सरकार और सत्ता पक्ष देश में यह भ्रम फैला रहे हैं कि केवल मुसलमानों के लिए वक्फ़ कानून है। उन्होंने कहा कि मंदिरों के प्रबंधन के लिए कई कानून हैं, एसजीपीसी संबंधित कानून है और कई राज्यों में चर्चों से जुड़े कानून हैं। हुसैन ने कहा कि वक्फ़ विधेयक के बारे में यह गलत धारणा फैलायी जा रही है कि वक्फ़ न्यायाधिकरण के फैसलों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वर्तमान कानून के अनुसार न्यायाधिकरण के फैसलों के खिलाफ अपील में दीवानी वाद दायर नहीं किया जा सकता, जिसे इस विधेयक में दुरूस्त किया गया है।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement