राष्ट्र निर्माण में ईसाई संस्थानों के सकारात्मक योगदान को रेखांकित करें युवा: डेरेक ओ ब्रायन

img

चेन्नई, शनिवार, 17 मई 2025। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन ने देश में ईसाईयों द्वारा संचालित स्वास्थ्य संस्थानों के योगदान को शनिवार को रेखांकित किया और युवाओं से राष्ट्र निर्माण में समुदाय द्वारा खासकर स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक भूमिका निभाने पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया। ओ ब्रायन ने चेन्नई में एक कार्यक्रम में ईसाई समुदाय के सदस्यों को संबोधित करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि युवाओं को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) के ‘नकारात्मक प्रचार’ में नहीं आना चाहिए और ईसाई संस्थानों द्वारा किए जा रहे कार्यों से लोगों को अवगत कराना चाहिए।

राज्यसभा में टीएमसी के संसदीय दल के नेता ब्रायन ने कई ईसाई-संचालित गैर सरकारी संगठनों के एफसीआरए (विदेशी अंशदान -विनियमन- अधिनियम) लाइसेंस निलंबित किए जाने के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की और कोविड-19 से होने वाली मौतों के आंकड़ों में विसंगतियों का भी आरोप लगाया।

ओ ब्रायन ने अखिल भारतीय कैथोलिक विश्वविद्यालय महासंघ (एआईसीयूएफ) के शताब्दी समारोह में ‘परिवर्तन की तलाश में छात्र, स्वास्थ्य सेवा में ईसाई संस्थाओं की भूमिका’ विषय पर मुख्य संबोधन दे रहे थे। टीएमसी नेता द्वारा संबोधित यह कार्यक्रम ‘स्पीक अप’ श्रृंखला का चौथा संस्करण है। ओ ब्रायन ने कहा, “उन्हें (लोगों को) तथ्य, आंकड़े दिखाएं और इस अल्पसंख्यक समाज द्वारा हमारे महान राष्ट्र के निर्माण में जो बड़ा योगदान दिया है, उसे सामने लाएं।”

उन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान ईसाई-संचालित स्वास्थ्य संस्थानों की भूमिका को रेखांकित करते हुए दावा किया कि उस अवधि के दौरान ईसाई संस्थानों द्वारा 1000 से अधिक अस्पतालों में 60,000 बिस्तार उपलब्ध कराने की पेशकश की गई थी। उन्होंने कहा, “ईसाई स्वास्थ्य सेवा संस्थानों द्वारा किया जाने वाला 80 प्रतिशत से अधिक कार्य दूरदराज के क्षेत्रों में किया जाता है। ये संस्थान भारत की दो प्रतिशत से अधिक आबादी यानी लगभग 2.5 करोड़ लोगों को सेवा प्रदान करते हैं।”

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement