आरक्षण विरोधी भाजपा को समानता पसंद नहीं: कांग्रेस

नई दिल्ली, शनिवार, 28 जून 2025। कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी मूलत: पिछड़ा वर्ग, आरक्षण तथा संविधान विरोधी है इसलिए मध्य प्रदेश में करीब 50 प्रतिशत आबादी वाले ओबीसी समुदाय को आरक्षण नहीं दे रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी तथा कांग्रेस ओबीसी विभाग के प्रमुख डॉ अनिल जयहिंद ने शनिवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मध्य प्रदेश की आधा आबादी अन्य पिछड़ा वर्ग की है और सारे फैसले इस वर्ग को आरक्षण देने के पक्ष में है इसके बावजूद भाजपा सरकार इस वर्ग के लोगों को उनका अधिकार नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा का यह रुख दिखाता है कि वह न सिर्फ ओबीसी, आरक्षण और संविधान विरोधी है बल्कि उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता भी पसंद ही नहीं है। भाजपा का यही असली चेहरा है। वह पिछड़ा विरोधी है, किसानों के खिलाफ है और संविधान को भी नहीं मानती। विधानसभा में पारित विधेयक पर न्यायालय का फैसला भी आ चुका है इसके बावजूद भाजपा सरकार उसे लागू ही नहीं कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी की 50 प्रतिशत आबादी है। पहली बार श्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने 1994 में 14 प्रतिशत आरक्षण दिया था और फिर 2003 में उन्होंने 27 प्रतिशत आरक्षण की पहल की गई है। उसके बाद लगातार भाजपा की सरकार रही है लेकिन उसने आरक्षण देने का प्रयास नहीं किया। अब भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा सबके सामने है और एक बार फिर साबित हो गया है कि भाजपा ओबीसी के ही हितों की ठगी करती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने ओबीसी को आरक्षण देने का काम किया है और इसी का परिणाम है कि 1994 में इस समुदाय को 14 प्रतिशत आरक्षण दिया गया और 2003 में कांग्रेस सरकार ने इसे बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि ओबीसी समुदाय से संबद्ध तीन मुख्यमंत्री उमा भारती, शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव ने इसे लागू नहीं किया। सवाल है कि जब विधानसभा ने इसे पारित कर दिया है, न्यायालय का आदेश भी आ गया है, राज्यपाल के भी इस पर हस्ताक्षर हो गये हैं तो इसे लागू करने में अब क्या परेशानी है।
कांग्रेस ने सरकार ने तत्काल 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग करते हुए कहा कि जिन छात्रों को छह साल से प्रताड़ित किया गया उन्हें नियुक्तियां देकर छह साल का वेतन दिया जाए और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा राज्य के मुख्यमंत्री मोहन यादव सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें। कांग्रेस नेताओं ने समाजवाद और धर्मनिरपेक्ष शब्द को संविधान की प्रस्तावना से हटाने की भाजपा नेताओं की मांग पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बात करने भाजपा की अपनी वेबसाइट पर समाजवाद है लेकिन ये कहते हैं संविधान में समाजवाद शब्द नहीं होना चाहिए।


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