मनुष्य सोचने-समझने की शक्ति का इस्तेमाल सभी जीवों के कल्याण के लिए करे: मुर्मु

img

नई दिल्ली, सोमवार, 30 जून 2025। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी प्रजातियों के संरक्षण को जैव विविधता और पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि ईश्वर ने मनुष्य को जो सोचने और समझने की शक्ति दी है उसका इस्तेमाल सभी जीवों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। श्रीमती मुर्मु ने सोमवार को बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) के दीक्षांत समारोह में कहा कि मनुष्य का वनों और वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व का रिश्ता है। कई प्रजातियों के या तो विलुप्त होने या विलुप्त होने के कगार पर पहुंचने का उल्लेख करते हुए उन्होंने जोर देकर कहा कि इन प्रजातियों का संरक्षण जैव विविधता और पृथ्वी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा , 'ईश्वर ने मनुष्य को जो सोचने और समझने की शक्ति दी है, उसका उपयोग सभी जीवों के कल्याण के लिए किया जाना चाहिए। कोरोना महामारी ने मानव जाति को आगाह किया है कि उपभोग पर आधारित संस्कृति न केवल मानव जाति को बल्कि अन्य जीवों और पर्यावरण को भी अकल्पनीय नुकसान पहुंचा सकती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि 'ईशावास्यम् इदं सर्वम्' के जीवन मूल्य पर आधारित भारतीय संस्कृति सभी जीवों में ईश्वर की उपस्थिति देखती है। देवताओं और ऋषियों द्वारा जानवरों से संवाद करने की मान्यता भी इसी सोच पर आधारित है। श्रीमती मुुर्मु ने कहा कि आज पूरे विश्व में 'एक स्वास्थ्य' की अवधारणा को महत्व मिल रहा है। इसका मानना है 'मनुष्य, पालतू तथा जंगली जानवर, वनस्पतियां और व्यापक पर्यावरण सभी एक दूसरे पर निर्भर हैं। हमें पशु कल्याण के लिए प्रयास करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि एक प्रमुख पशु चिकित्सा संस्थान के रूप में आईवीआरआई इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है खासकर जूनोटिक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण में। राष्ट्रपति ने कहा कि अन्य क्षेत्रों की तरह प्रौद्योगिकी पशु चिकित्सा और उनकी देखभाल में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है। प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से देश भर के पशु चिकित्सालयों को सशक्त बनाया जा सकता है। जीनोम एडिटिंग, भ्रूण स्थानांतरण तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और बिग डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग इस क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। उन्होंने आईवीआरआई जैसे संस्थानों से पशुओं के लिए स्वदेशी और कम लागत वाले उपचार और पोषण खोजने की अपील की। ​​उन्होंने कहा कि उन्हें उन दवाओं के विकल्प भी तलाशने चाहिए जिनके दुष्प्रभाव न केवल जानवरों बल्कि मनुष्यों और पर्यावरण को भी प्रभावित करते हैं।

राष्ट्रपति ने मासूम और बेजुबान जानवरों के इलाज तथा कल्याण को अपना करियर चुनने के लिए आईवीआरआई के छात्रों की सराहना की। उन्होंने उन्हें सलाह दी कि अपने जीवन और करियर में किसी दुविधा की स्थिति में जानवरों के बारे में सोचें। उन्होंने कहा कि इससे उन्हें सही रास्ता मिलेगा। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों से उद्यमी बनने और पशु विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में स्टार्ट-अप स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से वे न केवल जरूरतमंदों को रोजगार दे सकेंगे बल्कि देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान दे सकेंगे।

Similar Post

LIFESTYLE

AUTOMOBILES

Recent Articles

Facebook Like

Subscribe

FLICKER IMAGES

Advertisement