नेपाल में नव नियुक्त प्रधानमंत्री कार्की ने कार्यभार संभाला

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काठमांडू, रविवार, 14 सितंबर 2025। नेपाल की नव नियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को पदभार ग्रहण कर लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय एवं मंत्रिपरिषद का भवन हाल ही में आंदोलनकारियों की हिंसात्मक घटना में क्षतिग्रस्त हो गया था जिसकी वजह से गृह मंत्रालय भवन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शुक्रवार को श्रीमती कार्की को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। कांतिपुर समाचार पत्र के मुताबिक श्रीमती कार्की ने कार्यभार संभालने से पहले लांचोर पुघेर स्थित शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री कार्की ने पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद 'जेन-जेड आंदोलन' के दौरान मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का निर्णय लिया। मुख्य सचिव एकनारायण आर्याल ने बताया कि घायलों के लिए निःशुल्क उपचार की व्यवस्था भी की गई है। जेन-जेड या जेन जी आंदोलन के कारण लगाए गए प्रतिबंध और कर्फ्यू के हटने के साथ रविवार से काठमांडू घाटी में आम जनता की आवाजाही बढ़ गयी है। काठमांडू घाटी यातायात पुलिस कार्यालय के अनुसार प्रतिबंध और कर्फ्यू हटने के बाद वाहन चल रहे हैं और आम लोग अपना रोजमर्रा का काम आसानी से कर रहे हैं।

गत सोमवार से शुरु हुये जेन-जेड आंदोलन के कारण पूरा नेपाल तेजी से सुलग उठा था। इस दौरान पुलिस कार्रवाई और उपद्रव की घटनाओं में 51 लोगों की मौत हो गई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। आगजनी की कई घटनाएं भी हुयी थी और इनमें कई विशिष्टं सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के त्यागपत्र और सेना के हाथों में देश की व्यवस्था आने के बाद उपद्रव रुक गये थे और नयी सरकार के गठन का रास्ता साफ हुआ। शुक्रवार रात को देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रहीं सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गयी और उन्हें छह महीने में चुनाव कराने का काम सौंपा गया।

अमेरिका ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में श्रीमती कार्की की नियुक्ति का स्वागत किया है। यहां अमेरिकी दूतावास ने देश में शांतिपूर्ण परिवर्तन और नेपाली सेना की भूमिका की सराहना की है। चीन ने भी अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में उनकी की नियुक्ति पर बधाई दी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्रीमती कार्की को पहले ही अपना शुभकामना संदेश दे चुके हैं। एक अन्य समाचार पत्र काठमांडू पोस्ट ने बताया कि नेपाल की आठ प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने देश की संसद यानी प्रतिनिधि सभा भंग करने को असंवैधानिक करार देते हुए इसका कड़ा विरोध किया है। नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल माओवादी केंद्र, जनता समाजवादी पार्टी, लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी, नेपाल मजदूर किसान पार्टी और जनमत पार्टी जैसे प्रमुख दलों ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी कर इस निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है। इन दलों का कहना है कि प्रतिनिधि सभा का विघटन संसदीय परंपराओं और संविधान की सर्वोच्चता पर सीधा प्रहार है। उनका आरोप है कि यह कदम जनता के जनादेश का अवमूल्यन करता है।

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