बर्खास्तगी के बाद बहाल हुए पुलिस अधिकारी ने मुझ पर हमला किया था: कांग्रेस सांसद का आरोप
कोझिकोड (केरल), गुरुवार, 23 अक्टूबर 2025। कांग्रेस सांसद शफी परम्बिल ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि 10 अक्टूबर को पेरम्बरा में विरोध-प्रदर्शन के दौरान उन पर हमला करने वाले पुलिस अधिकारी को पहले सेवा से बर्खास्त किया गया था, लेकिन बाद में गुपचुप तरीके से बहाल कर दिया गया। चोटों से उबरने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए परम्बिल ने वीडियो और तस्वीरें पेश कीं, जिनमें पुलिस को उन पर लाठी से हमला करते देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, “मुझ पर हमला करने वाले की पहचान के लिए किसी एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) टूल की जरूरत नहीं है। वीडियो को दोबारा देखना ही काफी है।” सांसद ने आरोप लगाया कि हमला करने वाला अधिकारी वर्तमान में वडकरा नियंत्रण कक्ष में कार्यरत परगना निरीक्षक अभिलाष डेविड है।
परम्बिल ने दावा किया, “इस अधिकारी को भू-माफियाओं से सांठगांठ और दुष्कर्म के एक मामले में लापरवाही के कारण 19 जनवरी 2023 को सेवा से बर्खास्त किया गया था। फिर भी, उसे गुपचुप तरीके से बहाल कर वडकरा में तैनात कर दिया गया। उसकी बहाली का विवरण कहीं उपलब्ध नहीं है।” उन्होंने सरकार पर ऐसे अधिकारियों को बहाल करके जनता और राज्य विधानसभा को “गुमराह” करने का आरोप लगाया। कांग्रेस सांसद ने कहा, “पहले एसएफआई (स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के साथ मिलकर काम करने वाले ये अधिकारी अब पुलिस विभाग में माकपा के गुंडों की तरह काम करते हैं।’’
उन्होंने दावा किया कि माकपा प्रदर्शनकारियों पर हमला करने के लिए पुलिस विभाग के भीतर एक “गुंडा सेल” संचालित कर रही है। परम्बिल ने कहा, “सेवा से बर्खास्त किए गए अधिकारी को बहाल करने के पीछे राजनीतिक मकसद है। विधानसभा में सरकार दावा करती है कि उसने पुलिस विभाग में सुधार किया है।” परम्बिल ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत प्राप्त जवाब का हवाला दिया, जिसमें बताया गया कि पुलिस विभाग बर्खास्त अधिकारियों का विवरण नहीं रखता। उन्होंने कहा, “डेविड के साथ दो अन्य अधिकारियों को बर्खास्त किया गया था, लेकिन डेविड को छोड़कर अन्य के रिकॉर्ड उपलब्ध हैं।”
सांसद ने आरोप लगाया कि 10 अक्टूबर के विरोध प्रदर्शन के दौरान हुआ विस्फोट पुलिस उपाधीक्षक हरिप्रसाद की चूक के कारण हुआ। उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें हरिप्रसाद अस्पताल में अन्य पुलिसकर्मियों से पूछ रहे हैं कि क्या सांसद को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, “इससे साफ है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी।” परम्बिल ने उन आरोपों का खंडन किया कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हमला किया था। उन्होंने कहा, “यह हमारे खिलाफ एक सुनियोजित कार्रवाई थी। एक भी कांग्रेस कार्यकर्ता ने हमला नहीं किया। मेरी नाक से खून बह रहा था, लेकिन मैं फिर भी वहां मौजूद रहा और कार्यकर्ताओं को शांत कराया।’’
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