महबूबा ने संदिग्ध आतंकी संबंधों के चलते दो कर्मचारियों को बर्खास्त करने की आलोचना की

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श्रीनगर, गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन द्वारा दो कर्मचारियों को बर्खास्त करना ‘मुसलमानों, विशेष रूप से कश्मीरियों को कमजोर करने के व्यापक एजेंडे’ की चिंताओं को बढ़ाता है। उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा आतंकवादियों से कथित संबंधों के चलते दो सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद आई है।

उपराज्यपाल ने दो शिक्षक, गुलाम हुसैन और माजिद इकबाल डार की सेवाएं समाप्त कर दीं हैं। यह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) संगठन की गतिविधियों का समर्थन करने में सक्रिय रूप से शामिल पाए गए थे।  उन्होंने आरोप लगाया, ‘आतंकवादियों से कथित संबंध के चलते दो और सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है और उन्हें अपनी बेगुनाही साबित करने का मौका भी नहीं दिया गया। इससे मुसलमानों खासकर कश्मीरियों को कमज़ोर करने के व्यापक एजेंडे को लेकर चिंता बढ़ रही है।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘सबसे पहले, उन्हें पक्षपातपूर्ण आरक्षण नीतियों के कारण हाशिए पर धकेले जाने का सामना करना पड़ता है जैसा कि जम्मू-कश्मीर में आरक्षण प्रमाणपत्रों पर हाल ही में हुए खुलासों से पता चलता है और अब उन्हें गलत तरीके से बर्खास्त किया जा रहा है जहां न्यायाधीश, निर्णायक और दण्ड देने वाले सब एक ही तरफ हैं।” पिछले पांच वर्षों में उपराज्यपाल के नेतृत्व वाले प्रशासन द्वारा संविधान के अनुच्छेद 311 का प्रयोग करके अब तक लगभग 80 सरकारी कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।

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