निर्वाचन आयोग के अधिकारियों और भाजपा की ‘मिलीभगत’ से मतदाता सूची में गड़बड़ी की जा रही: टीएमसी
कोलकाता, गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बृहस्पतिवार को मतदाता सूची में ‘बड़े पैमाने पर विसंगतियों’ को लेकर निर्वाचन आयोग और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया और दावा किया कि राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) से पहले ‘पूर्व-नियोजित साजिश’ के तहत हजारों नाम हटाए जा रहे हैं। टीएमसी के प्रवक्ता और प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि पार्टी ने वर्ष 2002 की मतदाता सूची और आयोग की वेबसाइट पर हाल में अपलोड की गई सूची के बीच जबरदस्त अनियमितताएं पाई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह हेरफेर निर्वाचन आयोग के कुछ अफसरों की ‘मिलीभगत’ से भाजपा के कार्यालयों से किया जा रहा है। घोष ने कहा, ‘‘यह खामोशी से की जाने वाली धांधली है। एक क्षेत्र में, वर्ष 2002 की सूची में 717 मतदाता थे, अब इसमें सिर्फ 140 मतदाता दिखते हैं। वे सब एक साथ तो मर नहीं सकते!’’ उन्होंने कहा कि ‘कई बूथों पर, सैकड़ों नाम बिना किसी आधिकारिक स्पष्टीकरण के गायब हो गए हैं।’ टीएमसी के अनुसार, हाबरा-2 ब्लॉक के तहत अशोकनगर विधानसभा क्षेत्र की गुमा-1 ग्राम पंचायत में, बूथ संख्या 159 में वर्तमान में आयोग की वेबसाइट पर शून्य पंजीकृत मतदाता दिखाए गए हैं। हालांकि 2002 की सूची में लगभग 900 नाम थे।
पार्टी ने दावा किया कि इसी तरह के मामले कूचबिहार में भी पाए गए हैं, जहां कई बूथों पर अब 400 से 900 मतदाताओं के नाम गायब दिख रहे हैं। घोष ने आरोप लगाया, ‘यह वास्तविक मतदाताओं को सूची से हटाने का एक सुनियोजित कदम है। यह साजिश भाजपा कार्यालयों के भीतर रची गई और निर्वाचन आयोग के पोर्टल के माध्यम से लागू की गई। अन्यथा, भाजपा नेताओं को पहले से कैसे पता चलता है कि लाखों नाम हटा दिए जाएंगे?’
बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी ने कहा कि उसने आयोग के पास औपचारिक शिकायत दर्ज करा दी है। उसने चुनावी प्रक्रिया में हेरफेर करने के खतरनाक प्रयास करार दिए गए इस मामले की पूर्ण पैमाने पर जांच की मांग की है। घोष ने जोर देकर कहा, ‘‘हम एक भी वैध मतदाता का नाम हटाने नहीं देंगे और पार्टी आयोग के सामने पेश करने के लिए बूथ-वार सबूत जुटा रही है।’’ इस पत्रकार वार्ता में मौजूद राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि कथित अनियमितताओं का नुकसान भाजपा को भी हुआ है। उन्होंने कहा, ‘कई क्षेत्रों में, यहां तक कि भाजपा समर्थकों ने भी अपने नाम गायब पाए हैं। इससे उनमें भी असंतोष पैदा हो गया है।’ टीएमसी ने यह आरोप ऐसे वक्त लगाए गए हैं जब बंगाल के जिलों में एसआईआर कवायद को लेकर फैली अफवाहों के कारण आत्महत्या की घटनाएं सामने आई हैं।
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