न्यायालय ने एनबीई को तीन अगस्त को नीट-पीजी 2025 परीक्षा आयोजित कराने की अनुमति दी

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नई दिल्ली, शुक्रवार, 06 जून 2025। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को शीर्ष अदालत के निर्देशों के अनुरूप तीन अगस्त को एक पाली में नीट-पीजी 2025 परीक्षा आयोजित कराने की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने शुरू में एनबीई द्वारा परीक्षा आयोजित करने के लिए दो महीने से अधिक का समय देने के अनुरोध पर सवाल उठाया था। पीठ ने कहा कि बोर्ड की दलील ‘‘उचित’’ प्रतीत होती है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि नीट-पीजी 2025 परीक्षा आयोजित कराने के लिए एनबीई को और समय नहीं दिया जाएगा। एनबीई ने दलील दी कि शीर्ष अदालत के 30 मई के आदेश के अनुसार परीक्षा एक पाली में आयोजित की जानी है और इसलिए एक बार में परीक्षा आयोजित करने के लिए लगभग 1,000 परीक्षा केंद्रों की आवश्यकता है।

एनबीई की याचिका में कहा गया है कि वह 15 जून को होने वाली परीक्षा तीन अगस्त को सुबह नौ बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे के बीच आयोजित करेगा, जो कि उनके प्रौद्योगिकी साझेदार टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (टीसीएस) द्वारा दी गई सबसे प्रारंभिक संभावित तिथि थी। एनबीई ने इससे पहले टीसीएस के साथ विभिन्न संचारों का हवाला दिया था और तीन अगस्त को परीक्षा आयोजित कराने के लिए परीक्षा केंद्रों की पहचान, उनकी उपलब्धता और किसी भी तरह की लीक को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों जैसी विभिन्न व्यवस्थाओं का जिक्र किया था।

पीठ ने परीक्षा आयोजित करने की लंबी अवधि पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिन छात्रों ने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की है उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा और यहां तक ​​कि उनकी चयन प्रक्रिया में भी देरी होगी। पीठ ने कहा, ‘‘अदालत ने आदेश 30 मई को दिया था, अब तक क्या कार्रवाई की गई है। 15 जून को परीक्षा आयोजित करने के लिए परीक्षा केंद्रों की पहचान पहले ही कर ली गई थी और केवल एक चीज जो करने की जरूरत थी, वह थी उनकी उपलब्धता देखना। आपको परीक्षा जब भी आयोजित करनी हो, लेकिन किसी भी स्थिति में सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए।’’

एनबीई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के. एम. नटराज ने कहा कि अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में छोटी सी भी गड़बड़ी से बचने के लिए व्यवस्था किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिन परीक्षा केंद्रों की पहचान की जानी है, उन्हें प्रौद्योगिकी के अनुरूप और सुरक्षित होना चाहिए। इसलिए व्यापक व्यवस्था की जरूरत है। न्यायमूर्ति मसीह ने कहा कि अदालत अच्छी तरह जानती है कि टीसीएस कैसे काम करती है और उसे विभिन्न परीक्षाओं का अनुभव है और ऐसे केंद्र ढूंढना कोई समस्या नहीं होगी। एनबीई ने शीर्ष अदालत से ‘‘नीट पीजी 2025 को तीन अगस्त को निर्धारित करने की अनुमति का अनुरोध किया और कहा कि 30 मई, 2025 के उसके आदेश के माध्यम से पारित निर्देशों के अनुपालन में इसके प्रौद्योगिकी साझेदार टीसीएस द्वारा दी गई सबसे प्रारंभिक संभावित उपलब्ध तिथि है।’’

एनबीई ने कहा, ‘‘हजार से अधिक केंद्रों को बुक करने और वहां परीक्षा आयोजित करने के लिए उचित व्यवस्था करने की आवश्यकता होगी, जिसके लिए काफी समय चाहिए होगा।’’ एनबीई ने कहा कि एनईईटी-पीजी के अलावा, वह देश भर के राज्यों में भारतीय रेलवे, कई बैंकिंग परीक्षाएं और क्षेत्रीय परीक्षाएं आयोजित कर रहा है। याचिका में कहा गया है, ‘‘इसलिए हम तीन अगस्त को पहली पाली में सुबह नौ बजे से दोपहर साढ़े 12 बजे तक यह परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव रखते हैं।’’ शीर्ष अदालत ने 30 मई को दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने के एनबीई के फैसले की आलोचना की थी।

इसने 15 जून को निर्धारित स्नातकोत्तर चिकित्सा प्रवेश परीक्षा को एक ही पाली में आयोजित करने का आदेश दिया था क्योंकि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से ‘‘गड़बड़ी’’ की आशंका रहती है। अधिकारियों को एक पाली में नीट-पीजी 2025 परीक्षा आयोजित करने की व्यवस्था करने और पारदर्शिता सुनिश्चित करने एवं सुरक्षित केंद्रों की पहचान करने का निर्देश दिया गया था। उच्चतम न्यायालय ने मेडिकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर यह आदेश पारित किया। एक याचिका अधिवक्ता सुकृति भटनागर के माध्यम से दायर की गई थी, वहीं अधिवक्ता तन्वी दुबे सहित कई वकील इस मामले में पेश हुए।

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